समान नागरिक संहिता की बारी

समान नागरिक संहिता अथवा समान आचार संहिता का अर्थ एक सेक्युलर धर्म निरपेक्ष कानून जो सभी धर्म के लोगों के लिये समान रूप से लागू होता है । यानि एक देश एक नियम ।

भाजपा की मोदी सरकार इस समय काफी मजबूत दिखाई दे रही है । पहले 370 अब राम मंदिर पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के चलते बीजेपी ने राहत की साँस ली है ।

इससे पहले बीजेपी पर विपक्षी दलों की ओर से राम मंदिर मसले पर राजनीति करने का आरोप लगाया जाता था। विपक्षी नेता अकसर बीजेपी तंज कसते हुए कहते थे, मंदिर वहीं बनाएंगे, पर तारीख नहीं बताएंगे।

सुप्रीम कोर्ट की ओर से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का फैसला दिए जाने के बाद बीजेपी ने अब हिंदुत्व के अपने सबसे बड़े मुद्दे राम मंदिर का रास्ता प्रशस्त कर लिया है ।

वह अब अपने समर्थकों के बीच यह कह सकेगी कि उसके 370 और राम मंदिर दोनों ही वादा अगले चुनाव से पहले पूरा कर लिए जाएँगे।

दोनों मुद्दों से अलग अब बीजेपी समर्थक समान नागरिक संहिता की बात भी करने लगे हैं। सोशल मीडिया पर अब समान नागरिक संहिता की बारी के बारे में पोस्ट वायरल हो रही हैं । ट्विटर और व्हाटसेप पर भी यूनिफॉर्म सिविल कोड टॉप ट्रेंड्स में शामिल हो रहा है ।

डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह से अयोध्या पर आए फैसले की सुनवाई के बाद जब इस पर सवाल पूछा तो उन्होंने  भी इसकी जरूरत बताई। राम मंदिर पर फैसले पर टिप्पणी के बाद पत्रकारों ने जब उनसे कॉमन सिविल कोड पर पूछा तो उन्होंने कहा  ' अब समय आ गया '।

सोशल मीडिया पर फैसले के बाद तेज हुई कॉमल सिविल कोड की चर्चा के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ के आ गया समय भी टॉप ट्रेंड में शामिल है ।

बता दें कि इस मामले की 15 नवंबर को दिल्ली हाई कोर्ट में यूनिफॉर्म सिविल कोड की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई होनी है। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस सी. हरिशंकर 15 नवंबर को सुनवाई करेंगे।

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