बुलाती है मगर जाने का नहीं

what is Bulati hai magar jane ka nai


 

क्या है बुलाती है मगर जाने का नहीं


 

इन दिनों यह टिकटॉक, ट्विटर सहित सभी सोशल मीडिया में वायरल बना हुआ है। लोग इस पर मजेदार ट्वीट्स, मीम्स, जोक्स बना रहे हैं। यूट्यूब पर वीडियोज की भरमार है।

दरअसल यह राहत इन्दौरी जी का एक शेर है जो कई तरह से वायरल हो रहा है जो इस प्रकार है

Bulati Hai Magar Jaane Ka Nai is a Ghazal Poetry of Rahat Indori .which is given below.

 

बुलाती है मगर जाने का नईं

बुलाती है मगर जाने का नईं

ये दुनिया है इधर जाने का नईं

 

मेरे बेटे किसी से इश्क़ कर

मगर हद से गुजर जाने का नईं

 

ज़मीं भी सर पे रखनी हो तो रखो

चले हो तो ठहर जाने का नईं

 

सितारे नोच कर ले जाऊंगा

मैं खाली हाथ घर जाने का नईं

 

वबा फैली हुई है हर तरफ

अभी माहौल मर जाने का नईं

 

वो गर्दन नापता है नाप ले

मगर जालिम से डर जाने का नईं

राहत इन्दौरी

 


Bulati hai magar jaane ka nai


Ye duniya hai idhar jaane ka nai



Mere bete kisi se ishq kar


Magar had se gujar jaane ka nai



Sitare noch kar le jaaunga


Mein khali haath ghar jaane waala nai



Waba feli hui hai har taraf


Abhi maahol mar jaane ka nai




Zamin bhi sir par rakhni ho to rakho


Chaale ho to thahar jaane ka nai



Wo gardan naapta hai, naap le


Magar jaalim se dar jaane ka nai



--Rahat Indori





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