मिशन शक्ति से अंतरिक्ष में भारत का दबदबा

बड़ी खबर है कि

अब तक सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन ही कर सकते थे ऐसा और अब भारत चौथा देश बन गया है जिसके पास एन्टी-सैटेलाइट हथियार है ।

आज के 'मिशन शक्ति' ने दिखा दिया है कि भारत 300 किलोमीटर की ऊंचाई पर भी किसी सक्रिय सैटेलाइट को मार गिराने की क्षमता रखता है ।

तो क्या था ये मिशन शक्ति ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 'विशेष संदेश' के साथ पूरे देश को संबोधित किया । पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि हमने अंतरिक्ष में LIVE सैटेलाइट को तीन मिनट के 'मिशन शक्ति ' में मार गिराया ।

हमारे वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में 300 किलोमीटर दूर Low Earth Orbit (LEO) में एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराया है. यह सैटेलाइट जो कि एक पूर्व निर्धारित लक्ष्य था, एसेट मिसाइल द्वारा मार गिराया गया

भारत ने आज एक काइनेटिक हथियार का इस्तेमाल कर एक लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) सैटेलाइट को मार गिराया, जिसका अर्थ हुआ कि भारत ने अपनी अंतरिक्ष संपदा की सुरक्षा करने में अब सक्षम है ।

भारत के पास 48 उपग्रह हैं जिसकी सुरक्षा किया जाना बेहद ज़रूरी है । 300 किलोमीटर की ऊंचाई पर भारत द्वारा किए गए इस टेस्ट से अंतरिक्ष में भी अब भारत सुरक्षित होगा ।

इतनी ऊंचाई पर किसी सैटेलाइट को मार गिराना आसान काम नहीं है, क्योंकि सैटेलाइट बेहद तेज़ गति से सैकड़ों किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहा होता है ।

लेकिन अब भारत ऐसा करने में सक्षम हो गया है । एक सफल परीक्षण में भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने भारत के पास एन्टी-सैटेलाइट टेस्ट करने की क्षमता मिशन शक्ति में दिखाई ।

आज भारत अंतरिक्ष महाशक्ति बन गया है, अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चौथा ऐसा देश बन गया जिसके पास अंतरिक्ष मे मार करने की क्षमता है ।

'मिशन शक्ति' को तीन मिनट में सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया यह अत्यंत कठिन ऑपरेशन था ।

राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया दी 'बहुत अच्छे डीआरडीओ, हमें आपके काम पर गर्व है । मैं प्रधानमंत्री को वर्ल्ड थिएटर डे की बधाई देना चाहूंगा ' ।

अखिलेश यादव  ने भी प्रतिक्रिया दी 'मोदी घंटे भर तक टीवी पर रहे, उन्होंने देश का ध्यान जमीनी मुद्दों से हटाया.'

कांग्रेस ने 'मिशन शक्ति' की सफलता के लिए डीआरडीओ को बधाई देते हुए बुधवार को कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू और विक्रम साराभाई के नजरिये की वजह से भारत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी रहा है ।

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